धुन- जैसा चाहो मुझको समझनाजब जब तंगी में घिर जाऊँक्या

धुन- जैसा चाहो मुझको समझनाजब जब तंगी में घिर जाऊँक्या






धुन- जैसा चाहो मुझको समझना



जब जब तंगी में घिर जाऊँ
क्या करना है मैं समझ ना पाऊँ
माँगने की नौबत जग से आती नहीं
तेरे होते लाज मेरी जाती नहीं || टेर ||



कभी कभी जीवन में बाबा , ऐसी घड़ियाँ आती हैं
सब कुछ मेरे पास है फिर भी , इज्जत पे बन आती है
तेरे दम पे इज्जत मेरी जाती नहीं || १ ||



कई दफा जब भी मैं कोई , निशचय ना कर पाता हूँ
आँख मिचकर उस पल बाबा तेरा ध्यान लगाता हूँ
तेरा साथ है तो चिन्ता , सताती नहीं || २ ||



बड़े नाज़ से " हर्ष " दीवाना दुनियाँ को बतलाता है
संकट आने के पहले मेरा श्याम धणी खुद आता है
गम की आँधियों फिर मुझको डराती नहीं || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्णाय समर्पणम्

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