
देखा जो तूने सांवरे हमको यूँ प्यार से
हम तो हुए है बावरे नज़रों की मार से
ख़ंज़र बनी है सांवरे बांकी अदा तेरी,
दिल ने अगर चाहा तुझे तो क्या है खता मेरी,
घायल सा कर दिया हमे बस एक ही वार से ||1||
चितवन तुम्हारी क्या कहे मस्ती बरस रही,
पाकर दरश आपका ये अंखिया बरस रही,
देखा जो पल मे हो गये हम बेकरार से ||2||
तुमसे लिपट जाने को बेताब थे बड़े,
चाहत जो देखी आपकी आँसू निकल पड़े,
जब जब तू देखे सांवरे हमको खुमार से ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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