भावना से भज ले बन्दे भव से बेड़ा पार है , भाव जब ना हो भजन में भजन तेरा बेकार है ,

भावना से भज ले बन्दे भव से बेड़ा पार है , भाव जब ना हो भजन में भजन तेरा बेकार है ,






तर्ज  वंदना करते तुम्हारी हे गजानंद। 




भावना से भज ले बन्दे भव से बेड़ा पार है ,

भाव जब ना हो भजन में भजन तेरा बेकार है ,
बोलो श्याम श्याम  , बोलो श्याम श्याम श्याम |





भावना में बहके विदुराणी के छिलके खाये थे ,

लाया सुदामा सूखे चावल प्रेम से भोग लगाये थे ,
कर्मा के खिचड़ के आगे छप्पन भोग बेकार है ||1||


भाव के भूखे कन्हैया भाव में बिक जाते है ,
प्रेम से जो भी खिलाओ रुखा सुखा खाते है ,
सोना चांदी ना हीरा मोती इनका मौल तो प्यार है ||2||








प्रेम से जिसने पुकारा  श्याम दौड़े आते है ,
बीच भंवर अटकी हो नइया माँझी वो बन जाते है ,
''विष्णु '' नईया डूबे कैसे , श्याम खेवनहार है ||3||


जय श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्णाय समर्पणम्

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