
कोई जब राह ना पाये ,तेरा मन घबराये , और तुझे कुछ समझ ना आये ,चले आना खाटू एक बार |
published on 03 October
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तर्ज कोई जब राह हैं ना पाये
कोई जब राह ना पाये ,तेरा मन घबराये ,
और तुझे कुछ समझ ना आये ,चले आना खाटू एक बार |
हारे का सहारा है मेरा बाबा श्याम ,
बिगड़े बनादे वो तेरे सारे काम,
गिरते हुये को वो लेवे आके थाम
कोई ना जब साथ निभाये ,
ये दौड़ा दौड़ा आये ,कोई दिल से जो इसको बुलाये ||1||
विश्वास नहीं है तो आजमाके देख ,
दर पर श्याम के आकर तो देख ,
एक बार सर को झुका कर तो देख
अँधियारा जब घिर कर आये,
गमो की बदरी छाये और तुझे कुछ नजर ना आये ||2||
बनते है अपने तो बिगड़े भी काम ,
करता कन्हैया होता है मेरा नाम
मेरा कोई भी नहीं है तुम बिन श्याम
विष्णु तेरा ध्यान लगाये ,
भक्त गुण गाये और कीर्तन में ये तुझको बुलाये ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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