
तर्ज परदेशियों से ना अंखिया मिलाना
गुरु चरणो में प्यारे शीश झुकाना ,
गुरु चरणो की धूलि सर से लगाना |
मात पिता ने जन्म दिया है
पालपोषकर बड़ा किया है ,
इनके कर्ज को प्यारे भूल ना जाना ||1||
ज्ञान की गुरु ने अलख जगाई ,
धर्म कर्म की राह बताई ,
गुरु बिन ज्ञान नहीं कहता जमाना ||2||
मातपिता गुरुदेव की सेवा ,
किस्मत वालो को मिलता ये मेवा ,
" विष्णु" गुरु चरणो में सर को चढ़ाना ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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