Home › There are no categories चदरिया झीनी रे झीनी, published on 03 अक्टूबर leave a reply चदरिया झीनी रे झीनी,राम नाम रस भीनी |चदरिया झीनी रे झीनीध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ीशुकदेव ने निर्मल कीनीचदरिया झीनी रे झीनी ||1||दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी जयूँ की त्यूँ धरि दीनी चदरिया झीनी रे झीनी ||2||जय श्री राधे कृष्ण श्री कृष्णाय समर्पणम् Previous Post Next Post post written by: रचनाकार
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