| शिव वन्दना

| शिव वन्दना



धुन- चूड़ी मज़ा ना देगी



दुनियाँ में तुझको ऐसा , दरबार ना मिलेगा
माँगो जो भोलेनाथ से , इनकार ना मिलेगा ||




रखते हैं ध्यान सबका , भक्तों का रखवाला
देवों के हित की खातिर , विष को भी पी डाला 
भक्तों के दुःख वो हर कर , जीवन संवार देगा || १ ||




माथे पे सोहे चंदा , बहती जटा में गंगा
बाबा है दाँरुवाला , गले सांप की है माला
माने जो दिल से उसको , विपदायें से हारेगा || २ ||




शिव शम्भू भोले भाले , कहलाते वरदानी
वरदान देते सबको , ऐसे हैं औघड़दानी 
सेवा करे को इनकी , " रवि " भव से पार होगा || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण
 श्री कृष्णाय समर्पणम्

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