
धुन- चूड़ी मज़ा ना देगी
दुनियाँ में तुझको ऐसा , दरबार ना मिलेगा
माँगो जो भोलेनाथ से , इनकार ना मिलेगा ||
रखते हैं ध्यान सबका , भक्तों का रखवाला
देवों के हित की खातिर , विष को भी पी डाला
भक्तों के दुःख वो हर कर , जीवन संवार देगा || १ ||
माथे पे सोहे चंदा , बहती जटा में गंगा
बाबा है दाँरुवाला , गले सांप की है माला
माने जो दिल से उसको , विपदायें से हारेगा || २ ||
शिव शम्भू भोले भाले , कहलाते वरदानी
वरदान देते सबको , ऐसे हैं औघड़दानी
सेवा करे को इनकी , " रवि " भव से पार होगा || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
0 Comments: