
बुला लो वृन्दावन गिरधारी,
बसा लो वृन्दावन गिरधारी,
श्याम मेरी बीती उमरिया सारी |
मोह ममता ने डाला घेरा,
ना कोई सूझे रास्ता तेरा,
दीन दयाल पकड़ लो बहियाँ,
अब केवल आस तिहारी ||1||
करुणा करो मेरे नटनागर,
जीवन की मेरे खाली गागर,
अपनी दया का सागर भर दो,
मैं आई शरण तिहारी ||2||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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