
धुन - तूँ प्यार का सागर है
ओ साँवरिया सरकार , याद तेरी रह रह आती है,
क्यों भूल गये दातार , प्यार तेरा क्या जज्बाती है ||
प्रीत लगाकर ओ बेदर्दी , ऐसे दूर ना जाना,
आकर देखो हाल हमारा , छोडो श्याम बहाना ,
ना छोड़ हमें मझधार , नीर आँखों बरसाती है || १ ||
हमको फिकर नहीं है अपनी , तेरा नाम लजाये,
तेरे होकर के ये बालक , दर दर ठोकर खाये,
कहीं बिगड़ न जाए नाम , फिकर ये खाये जाती है || २ ||
दीनानाथ कहाने वाले , दीन खड़ा है द्वार,
श्याम धणी ना देर लगाओ , अब तो पलक उघार,
प्रभु तुझ जैसा दुलार , यह दुनियाँ दे नहीं पाती है || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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