गोबिन्द कबहुं मिलै पिया मेरा।चरण-कंवल को हंस-हंस देखू राखूं नैणां

गोबिन्द कबहुं मिलै पिया मेरा।चरण-कंवल को हंस-हंस देखू राखूं नैणां






गोबिन्द कबहुं मिलै पिया मेरा।


चरण-कंवल को हंस-हंस देखू राखूं नैणां नेरा।
गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा।|1||


निरखणकूं मोहि चाव घणेरो कब देखूं मुख तेरा।
गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा।|2||


ब्याकुल प्राण धरे नहिं धीरज मिल तूं मीत सबेरा।
गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा।|3||


मीरा के प्रभु गिरधर नागर ताप तपन बहुतेरा।
गोबिंद कबहुं मिलै पिया मेरा।|4||


जय श्री राधे कृष्ण
 श्री कृष्णाय समर्पणम्



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