
मेरे तार हरि से जोड़े
ऐसा कोई संत मिले
मेरी लगन हरि से जोड़े
ऐसा कोई संत मिले
मेरे मन के रोके रोड़े
ऐसा कोई संत मिले |
संत दर्श के बड़े महातम
दुर्लभ जग में संत समागम
मेरे मन के गम को तोड़े
मेरे मन का रस्ता मोडे
ऐसा कोई संत मिलेll1ll
भटकत भटकत पथ नहीं मिलता
मन मेंरा रोके नहीं रुकता
मेरे मन के रोके रोड़े
मेरी लग्न प्रभु से जोड़े
ऐसा कोई संत मिले ll2ll
माया से जो दूर हटाये
मन का जो अज्ञान मिटाये
मेरे सारे अवगुण तोड़े
मेरे मन का रस्ता मोड़े
ऐसा कोई संत मिले ll3ll
कोई ऐसा संत मिला दे
भवतारण की राह दिखा दे
मेरी बाहं पकड़ न छोडे
मेरे मन का रस्ता मोड़े
ऐसा कोई संत मिले ll4ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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