
हमे तो जोगनिया बनाये गयो रे
सखी री जोगनिया बनाये गयो रे
वो छलिया नन्द को री |
आप तो ओढ़े लाला काली कमरिया
हमे तो पीताम्बर उढाये गयो रे
सखी रे पीताम्बर उढाये गयो रे ll1ll
कानन कुंडल गले वनमाला
हमारे अंग भस्मी रमाये गयो रे ll2ll
आप तो खावे लाला माखन मिश्री
हमे तो तुलसी पे रिझाये गयो रे ll3ll
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे
हमारे सर जटा धराये गयो रे ll4ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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