
कर ले तू दीदार शेरों वाली का,
सेवक है संसार पहाडों वाली का – 2
डगर डगर माँ के जयकारे,
जयकारा शेरों वाली का
डगर डगर माँ के जयकारे,
पग पग में ज्योति के नजारे,
कदम-कदम दरबार शेरों वाली का ||1||
देख चढ़ाई रुक नहीं जाना,
जय माता की कहते जाना,-2
साँची कमाई करते जाना
देखो देखो रुक नहीं जाना
रस्ता है दुश्वार शेरो वाली का ॥ २॥
माँ के चरणों के मतवाले,
लाख गुना है करके भी वो,
पुण्य कमा जात है,
माँ के चरमों के मतवालों से,
दूर ना माँ अपने लालों से,
माँ जैसा है प्यार शेरों वाली का ||३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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