वैष्णव देवी माँ शेरावालीदुखिओं की करती है रखवाली |भोग न

वैष्णव देवी माँ शेरावालीदुखिओं की करती है रखवाली |भोग न



वैष्णव देवी माँ शेरावाली
दुखिओं की करती है रखवाली |

भोग न मांगू, मोक्ष ना मांगू,
धन दौलत कुछ भी ना जानू
तुम कहलाती हो हिमालय सुपुत्री,
ममता प्यार मांगू मतवाली ||1||

नव रूपों में, नव कल्पना में,
नव रसों में, नव ग्रहों में
सृष्टि की रचना तेरी दृष्टि से,
लालन पालन करती मेहरा वाली ||2||

काल नाशिनी, दुःख हारिणि,
शूल धारिणी, सिंह वाहिनी
भक्तों को तुझ से रहती आस है,
कृपा करोगो हे लाटा वाली ||3||



जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

 —

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: