
धुन- आयो फाल्गुन मेलो
तूँ दुर्गा तूँ काली मैया झुँझनुवाली
ई कलयुग के मांहि तेरी शान निराली || टेर ||
डेंको बाजे घर घर मांहि सारी दुनियाँ ध्यावे
देश दिशावर सूं नर नारी दर्शन तांई आवे
आया जो भी सवाली , भरदी झोली खाली || १ ||
दादी जी का दुनियाँ माँहि चर्चा होवे भारी
टाबरिया पे भीड़ पड़े तो परचा देवे भारी
भगतां की प्रतिपाली , देवे माँ खुशहाली || २ ||
तेरे ही भरोसे दादी मैं तो मौज उड़ाऊँ
" हर्ष " भवानी आइयाँ ही मैं तेरी किरपा चाहूँ
राखिजे रखवाली , रोज मनाऊँ दिवाली || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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