
तर्ज़- पकड़लो हाथ बनवारी
दिवाना, श्याम का बनकर, तू इकबर देख ले प्यारे
उन्ही के, प्यार में लुटकर, तू इकबर देख ले प्यारे
तेरे मन, की सभी चाहत, "ये भगति, में बदल देंगे"-2
ये माया, मोह को तजकर, तू इकबर देख ले प्यारे
जगत का, प्रेम है झूठा , "हैं स्वारथ, के सभी रिश्ते"-2
प्रभु के, प्रेम में रमकर, तू इकबर देख ले प्यारे
हजारों, ख्वाइशें तेरी, "कँही तुझ, में ही खोयेगी"-2
सँवरिया, को जरा भजकर, तू इकबर देख ले प्यारे
ये कहता, है "रवि" तुमसे, "तू भक्ति, भाव में खोजा"-2
नयन में, श्याम छब भरकर, तू इकबर देख ले प्यारे
रविन्द्र केजरीवाल"रवि"
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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