
पूजा विधि गिरिराज की नन्दलाल बतावें
झुंडन झुंडन गोपिका मिल मंगल गावें ||1||
गंगाजल सो न्हवाय कें दूध धोरी को नावें
विविध वसन पहराय के चन्दन चरचावें ||2||
धूप दीप करि आरती बहु भोग धरावें
तिलक कियो बीरा दियो माला पहरावे||3||
खिरक चले लोहरे बड़े मिलि गाय खिलावें
फिर गिरिधर भोजन कियो सुख सूर दिखावें ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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