
तेरी बिगड़ी बनेगी वृन्दावन जाने से,
वृन्दावन जाने से बरसाना से ।
तकदीर बदल जाती है वृन्दावन जाने से,
तकदीर बदल जाती है बरसाना जाने से ॥
ऊँची अटारी श्री राधा जी का मंदिर है,
जाके जाना बताना प्यारे ओ भी तेरे अंदर है ।
मन हल्का होता है उनको बतलाने से,
तेरी बिगड़ी बनेगी वृन्दावन जाने से ॥
मानो या ना मनो यह तो अपना विचार है,
दास का तो काम राधा नाम प्रचार है ।
‘हरी दासी’ ने पाया गुरुदेव बताने से,
फिर क्या फ़ायदा होगा पीछे पछताने से,
तेरी बिगड़ी बनेगी वृन्दावन जाने से ॥
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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