
मैया मोहि एसी दुलहनि भावे
जैसी ये काहू की डिठोनिया रुनक झुनक घर आवे ||1||
करकर पाक रसाल रसोई अपने कर ले मोहि जिमावे
कर अंचल पट ओट बाबा को ठाढ़ी ब्यार ढुरावे ||2||
मोहि उठाय गोद बैठारे कर मनुहार मनावे
अहो मेरे लाल कहो बाबासों तेरो ब्याह करावे ||3||
नंदराय नंदरानी हिलमिल सुख समुद्र बढ़ावे
परमानंद प्रभु की बातें सुन आनंद उर न समावे ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
0 Comments: