यमुना तट पर वृन्दावन में,कहना तुझ संग मैं भी नाचूं

यमुना तट पर वृन्दावन में,कहना तुझ संग मैं भी नाचूं














यमुना तट पर वृन्दावन में,
कहना तुझ संग मैं भी नाचूं ।



ग्वाल बाल संग मैं भी मिल कर, तेरी चर्चा छेडू ।
गोपन के संग मिल कर मैं भी चन्दन लेप लगाऊं ॥1||



कस्तूरी की तिलक लगा कर हर पल तुझे निहारूं ।
तेरी जूठी माखन खा कर, कहना रोम रोम खिल जाऊं ॥2||





तुझ से प्रेम रचा कर कृष्णा, मोह जाल को तोडू
मधुबन में बंसी की धुन से पुलकित मैं हो जाऊं ॥3||



तेरी आलिंगन से कहना भवसागर को तारुं ।
सचिदानंद तेरी गीतामृत में डूब के मैं खो जाऊं ॥4||


जय श्री राधे कृष्ण

    श्री कृष्णाय समर्पणम्
    

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