स्याम राधिका सुंदर जोरी।मुकुट मयूर पंख सिरू सोहत, मोहित राधे गोरी||1||गल

स्याम राधिका सुंदर जोरी।मुकुट मयूर पंख सिरू सोहत, मोहित राधे गोरी||1||गल






स्याम राधिका सुंदर जोरी।

मुकुट मयूर पंख सिरू सोहत,
 मोहित राधे गोरी||1||

गल वैजन्ती अरू वनमाला, 
बिचु स्यामा ज्यों डोरी।|2||

मधुर मुकुन्द मधुर रस मुरली, 
मधुर सुनै नित भोरी।|3||

परमब्रह्म श्रीकृष्ण मनोहर, 
राधे इत रस बोरी||4||

पावन भगति अनूप राधिका, 
प्रिया प्रीति चित्त चोरी||5||

हृदयं विराजि सुहावहिं पद प्रिय,
अविरत चित्त अंजोरी||6||

नन्दकुँवर चरणारविन्द महँ,
 रहे सदा मति मोरी||7||

प्रेम सुधा रस चाख्यो भक्त, 
आस बहोरी बहोरी||8||

जय श्री राधे कृष्ण

    श्री कृष्णाय समर्पणम्



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