
भगवान तुम्हारे चरणो में,
जब प्यार किसी का हो जाए ।
दो चार की फिर तो बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाए॥
प्रह्लाद तो छोटा बालक था,
पर प्यार किया परमेश्वर से।
संसार का हो कर क्या लेना,
इस बार उसी का हो जाए ॥1||
शबरी ने कौन सा यज्ञ किया,
गणिका ने कौन सा वेद पड़ा।
जिसमे छल कपट का लेश नहीं,
करतार उसी का हो जाए॥2||
रावण ने राम से वैर किया,
अब तक भी जलाया जाता है।
पर भगत विभीषण शरण पड़ा,
घर बार उसी का हो जाए॥3||
माया के दीवाने शिक्षा लो,
तुम प्रेम दीवानी मीरा से।
कर प्रेम प्यारे मोहन से,
बेडा पार उसी का हो जाए॥4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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