
मेरे जीवन-धन प्यारे ,
मैं कब से तुम्हें बुलाऊँ
आओ नैनों के तारे ,
मैं चरण-कमल सहलाऊँ |
यशोमति मैया के बारे !
मैं माखन तुम्हें खिलाऊँ
ब्रजपति के परम दुलारे !
मैं सुललित लाड़ लड़ाऊँ ||1||
हे सखा-प्राण-आधारे !
मैं मनहर खेल खिलाऊँ
ब्रज-युवतिन प्राण-पियारे !
मैं हिय-रस तुम्हें पिलाऊँ ||2||
राधा-आराधनवारे !
मैं सरबस चरण चढ़ाऊँ
अर्पित कर तन-मन सारे !
मैं तुम पर बलि-बलि जाऊँ ||3||
तुम रहो प्रेम-मतवारे !
मैं प्रेम-सुधा ढलकाऊँ
तुम रहो न मुझसे न्यारे !
मैं हिय में आय समाऊँ ||4||
अनुपम सुषमा-श्री धारे !
मोहन मैं तुम्हें रिझाऊँ
हिय की सब जाननहारे !
तुमसे मैं कहाँ छिपाऊँ ||5||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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