तर्ज़-नाथ मँ थारो जी थारो           

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तर्ज़-नाथ मँ थारो जी थारो
                
आज म्हानै, श्याम मिलैगा जी"-2
कद का बोया, बीज प्रेम का, फूल खिलैगा जी

                
म्है नहीं जाणा , भगति बाबा, नाय पिछाणा भाव,
साँवरा, नाय पिछाणा भाव
पण म्हानै, विश्वास म्हारै सिर, हाथ धरैगा जी ||1||
.
                 
देश काल अर, समय सारुँ ही, जोग सँजोग भिड़ै है
साँवरा, जोग सँजोग भिड़ै है
पूरब जनम रा, सत् करमां सै, जोग भिड़ैगा जी ||2|| 

                 
मीरा करमा नानी नरसी, सबनै आप मिल्या
साँवरा, सबनै आप मिल्या
कह्वै "रवि" भव, सागर सै थारा, भगत तिरैगा जी ||3||

                
रविन्द्र केजरीवाल "रवि"



जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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