तर्ज़-बाई सा रा वीरा             

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तर्ज़-बाई सा रा वीरा
                 
साँवरियो सुणसी, मन की सुणाकर देख ले
तेरै मन की नाय सुणे, तो म्हानै केह दीजै
                
यो सैं की सुणाई, करबा नै खाटू मँ बैठ्यो
तेरी झोली नाय भरै, तो म्हानै केह दीजै
                 
तू इक बर अर्ज़ी, चरणां मँ धरकै देखले
तेरा कारज नाय बणे, तो म्हानै केह दीजै
                
अन्न धन अर काया, बेटा पोता सब देवै है
मन चाहयो नाय मिले, तो म्हानै केह दीजै
                 
"रवि" केहवै बाबो, कलजुग को साँचो  है धणी
तन्नै दर्शण नाय देवै, तो म्हानै केह दीजै
                
रविन्द्र केजरीवाल "रवि"👏




जय श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्णाय समर्पणम्

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