
मैँ तुमको श्याम बुलाऊँ , सादर घर मेँ पधराऊँ।
नयनोँ से स्वागत गाऊँ, सरबस दे तुम्हेँ रिझाऊँ॥ॐ॥
अँखियन - जल पैर धुलाऊँ , हिय - झूले तुम्हेँ झुलाऊँ।
प्रेमामृत - रस नहलाऊँ भोजन रस - मधुर कराऊँ॥1॥
हिय कोमल सेज सुलाऊँ , सुरभित अति पवन डुलाऊँ।
कोमल कर चरण दबाऊँ , छवि निरख -निरख सुख पाऊँ॥2॥
छन - छन मन मोद बड़ाऊँ , नाचूँ गाऊँ हरषाऊँ।
नख - सिख पर बलि -बलि जाऊँ , मैँ न्योछावर हो जाऊँ॥3॥
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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