
तर्ज- हरदम मेरे मान भी जाओ
हरदम मेरे साथ मे रहता,रखता पूरा ख्याल है,
जो भी होती मुझे जरुरत,देता ये तत्काल है ||
श्याम कृपा से ही मेरी,गाड़ी चलती है,
इसकी दया से ही मुझे,खुशिया मिलती है,
इसी से ले रहा,ये हँस के दे रहा..
श्याम जो देता है मुझको,कोई दूजा ना दे पाये ||1||
जीवन भर इसने किये,मुझपे जो एहसान,
शब्द नहीं जो कर सके,महिमा का गुणगान,
ये अपरम्पार है,बड़ा दिलदार है,
श्याम की अनुपम लीला का,कोई ना वर्णन कर पाये ||2||
रहता है नजदीक ये,दूर नही जाता,
क्या करूँ क्या ना करूँ,मुझको समझाता,
मुझे विश्वास है,ये मेरे पास है...
श्याम से ऐसा नाता है,कभी भी छोड़ नहीं पाये ||3||
मेरे सिर पर श्याम की,छतर छाया है,
'बिन्नू" पर भरपूर ये,प्यार लुटाया है,
ऐ मेरे हमसफ़र,सदा रखना महर..
श्याम के चरणों मे विनती,ये अपनी यारी निभ जाये ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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