आवत मोरी गलियन में गिरधारी

आवत मोरी गलियन में गिरधारी






आवत मोरी गलियन में गिरधारी
मैं तो छुप गई लाज की मारी।

कटि मल पाग केशरिया जामा , उपर फूल हजारी 
मूकुट ऊपर छत्र विराजे , कुण्डल की छवि न्यारी ||1||

सुन्दर बदन कमलदल लोचन,  बाँकी चितवन न्यारी
गल मोतियन की माल विराजे,  चरण कमल बलिहारी||2||




ऊँघी राधाप्यारी अर्ज करत है, सुनियो कृष्ण मुरारी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर , चरण कमल पर वारी ।||3||


जय श्री राधे कृष्ण



श्री कृष्णाय समर्पणम्



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