रंग बरसे, मोहन मतवारा |राधा घूम-घूम कर नाचें निरखे मोहन

 रंग बरसे, मोहन मतवारा |राधा घूम-घूम कर नाचें निरखे मोहन




 रंग बरसे, मोहन मतवारा |
राधा घूम-घूम कर नाचें निरखे मोहन प्यारा ||


भर-भर कर रंग की पिचकारी,ताकि ताक छोड़े गिरधारी |
राधे रानी डटी सामने, भीग गया तन सारा ||1||


साड़ी राधे पहनी ऐसी, क्या बतलावे थी वो कैसी |
साड़ी चिपकी अंग से ऐसे, दिखे गोरा कारा ||2||


गोप्यां माची अद्भुत नाची, मोहन के रंग में वह राची |
बलदाऊ को पकर छविली, सारा बदन उघारा ||3||


हँसने लागे गुवाल-बाल जी, शिवदीन देख रहा होली हाल जी |
एक से एक रंगीले ब्रिज जन, रंग की बह रही धारा || 4||





जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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