श्रीवृन्दावन तोहि करूँ प्रणाम ।

श्रीवृन्दावन तोहि करूँ प्रणाम ।






श्री वृन्दावन तोहि करूँ प्रणाम ।




रंग भरी केलि करत जहँ
नित नित,रँग भरे श्यामा श्याम ।


रँग भरो जमुना तीर सुहायौ

रँग भरे राजत धाम ||1||




रँग भरे कुंज लता तरु पल्लव,

शोभा अति अभिराम ।
रँग भरे खग रँग भरे द्रुमन
पै,टेरत राधा नाम ||2||





रँग भरी ललित रागिनी गावत,

रँग भरी सहचरी वाम । 
भोरी ह्रदय रँग में बोरो,
देहु प्रीति निष्काम  ||3||




जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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