
माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय।
नौ लख धेनु नंदबाबा घर नित नयो माखन होय।
बड़ो नाम तेरो नंदबाबा को हँसी हमारी होय।।1||
बरसाने तेरी भई सगाई नित नई चर्चा होय।
बड़े घरन की राजदुलारी नाम धरेंगी तोय।।2||
मोते कहे गैयन पे जाऊँ रह्यो खिरक में सोय।
ग्वालिन के घर जाय बतरायो तेने दई कमरिया खोय।।3||
या चोरी मैं नाय छोडूँ मैया होनी होय सो होय।
सूर श्याम यशुदा के आगे दियो साँवरो रोय ||4||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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