
धुन :- साजन मेरा उस श्याम का सच्चा दरबार है भजलो तो
धुन :- साजन मेरा उस
श्याम का सच्चा दरबार है
भजलो तो समझो बेडा पार है ।
श्याम के जो निशान चढाऐगा
कंचन सी काया वो तो पायेगा
रोग ही दुःखो का भंडार है ।
भजलो तो ||1||
श्याम के भजनो को जो गायेगा
बोली का मीठा वो हो जायेगा
वाणी से टपके अमृत धार है ।
भजलो तो ||2||
श्याम के धोक जो लगायेगा
आदर करना वो जान जायेगा
आदर से मिलता प्रेम अपार है
भजलो तो .||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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