
मोहे रंग दे,श्याम,तेरे रंग मे, मोहे रंग दे
मोहे रंग दे,श्याम,
तेरे रंग मे, मोहे रंग दे |
तेरे ही रंग मे तो मीरा रंगी थी,
मेरा तो गिरधर गोपाल,कहे सब से||1||
राधा को कैसौ तुं रंग चढ़ायो,
हो गयी वो बेहाल,गयो जब से ||2||
नरसी भगत के चढ्यो रंग ऐसो,
नाचे वो नौ नौ ताल,झूमे तब से ||3||
जिसको भी तेरा ये रंग चढ़ा है,
मिटे सभी जंजाल,मिले रब से.||4||
"बिन्नू" को ऐसे ही रंग मे भिंगो दे,
अर्जी सुन नन्दलाल,खड़ा कब से ||5||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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तर्ज़ आ लौट के आजा मेरे मीत' तूं श्याम रिझा
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