तर्ज़   आ लौट के आजा मेरे मीत' तूं श्याम रिझा

 तर्ज़   आ लौट के आजा मेरे मीत' तूं श्याम रिझा




 तर्ज़   आ लौट के आजा मेरे मीत' 




तूं श्याम रिझा बंदे, 

तेरी बिगड़ी संवर जाये,
कट जाये सभी फन्दे, 
तेरी बिगड़ी संवर जाये ।




जिसने पुकारा, माँगा सहारा, 

उसका ही जीवन संवारा,
अर्ज़ी लगादो सबकुछ बतादो, 
कहना ना पड़ता दुबारा,
थामे वो तेरे कंधे, 
तेरी बिगड़ी संवर जाये ||1||





दर-दर क्यूँ भटके, माथा क्यूँ पटके,

खाये क्यों दुनिया के झटके,
आजा शरण में, श्याम चरण में, 
तेरे मिट जाये सारे खटके,
चल जायें काम-धंधे, 
तेरी बिगड़ी संवर जाये ||2||





मांगो इसी से, जो दे दे ख़ुशी से,

बतलाये भी ना किसी से,
देना ही जाने, कहना भी माने, 
लेता ना वापस किसी से,
इसे राजी कर बंदे, 
तेरी बिगड़ी संवर जाये ||3||



जी भर के गाले, श्याम रिझाले, 

अपना इसे तूं बनाले,
'बिन्नू' यूँ बोले, फिर हौले-हौले,
जीवन में छायें उजाले,
काम होंगे कभी ना मंदे, 
तेरी बिगड़ी संवर जाये ||4||





जय श्री राधे कृष्ण




       श्री कृष्णाय समर्पणम्



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