श्री वल्लभ तुम शरणागत आयो |सब दुःख दूर गये तुम

श्री वल्लभ तुम शरणागत आयो |सब दुःख दूर गये तुम






श्री वल्लभ तुम शरणागत आयो |


सब दुःख दूर गये तुम देखत
सुख को पार न पायो।।१।।


आज्ञा ते श्री गोवर्धनधर की
ब्रह्मसंबंध करायो।।२।।


अखिल लीला प्रगट दिखाई
सेवा सुख ही बतायो।।३।।


श्री भागवत सुधा रस मथके
अपनों पंथ जतायो।।४।।


   ऐसे उग्र श्री लक्ष्मण नंदन
रसिकन के मन भायो।।५।। 




जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: