माथे पे मुकुट देखी चंद्रिका की चटक देखी छवी की लटक देखी रूप

माथे पे मुकुट देखी चंद्रिका की चटक देखी छवी की लटक देखी रूप










माथे पे मुकुट देखी 
चंद्रिका की चटक देखी 
छवी की लटक देखी 
रूप रस पीजिए |






लोचन विशाल देखी 
गले गुंज माल देखी
अधर रसाल देखी 
चित्त चोक कीजिए||1||




कुंडल की हलन देखी 
अलकन की बलन देखी
पलकन की चलन देखी 
सरवस्व दीजिए ||2||




पीताम्बर खोर देखी 
मुरली की घोर देखी 
सांवरे की ओर देखी 
देखी मोही कीजिए.||3||


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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