तुम जीत गए मेरे कन्हैयालो मैं तुमसे हार गयी |अपना तन मन अपना जीवनसब तुम पर वार गयी |और कुछ आँख ना देखना चाहे कन्हैयाबस तेरी ही सूरत निहार गयी ||1||.तुझे याद करना ही वन्दना मेरीलो मैं जीवन संवार गयी ||2||तुम कितने सुंदर हो कन्हैयाअब मैं नज़र उतार गयी ||3||तुमहें बिसारे पल नहीं कटे मेरालो मैं खुद को बिसार गयी ||4||तुम जीतो अब मेरे कन्हैयाहर जन्म मैं तुमसे हार गयी ||5||जय श्री

तुम जीत गए मेरे कन्हैयालो मैं तुमसे हार गयी |अपना तन मन अपना जीवनसब तुम पर वार गयी |और कुछ आँख ना देखना चाहे कन्हैयाबस तेरी ही सूरत निहार गयी ||1||.तुझे याद करना ही वन्दना मेरीलो मैं जीवन संवार गयी ||2||तुम कितने सुंदर हो कन्हैयाअब मैं नज़र उतार गयी ||3||तुमहें बिसारे पल नहीं कटे मेरालो मैं खुद को बिसार गयी ||4||तुम जीतो अब मेरे कन्हैयाहर जन्म मैं तुमसे हार गयी ||5||जय श्री






तुम जीत गए मेरे कन्हैया
लो मैं तुमसे हार गयी |
अपना तन मन अपना जीवन
सब तुम पर वार गयी |




और कुछ आँख ना देखना चाहे कन्हैया
बस तेरी ही सूरत निहार गयी ||1||




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तुझे याद करना ही वन्दना मेरी
लो मैं जीवन संवार गयी ||2||







तुम कितने सुंदर हो कन्हैया
अब मैं नज़र उतार गयी ||3||



तुमहें बिसारे पल नहीं कटे मेरा
लो मैं खुद को बिसार गयी ||4||




तुम जीतो अब मेरे कन्हैया
हर जन्म मैं तुमसे हार गयी ||5||





जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्



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