चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,तेरे बंगले में लग

चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,तेरे बंगले में लग






चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ।



तेरी भक्ति की खुशबू उडाता रहूँ,
तेरा पल पल मैं दीदार पाता रहूँ ।
लेहराऊं कटी में फूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥



मेरी विनती यही अपना लो मुझे,
बृज का कोई फूल बना लो मुझे ।
आऊं कोई कदम्ब का मूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥



तेरे वृन्दाविपिन में पड़ा ही रहूँ,
तेरे दर्शन की जिद्द पे अदा ही रहूँ ।
पड़ जाऊं कालिंदी का फूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥



तेरा पागल हूँ तेरा दीवाना हूँ मैं,
आप बगिया और फिर विराना हूँ मैं ।
रहूँ सूक्षम रहूँ या स्थूल बन के,
तेरे बंगले में लग जाऊं फूल बन के ॥




जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्



Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: