कोई पकड़ के मेरा हाथ रे , मोहे वृंदावन पहुँचा दियो

कोई पकड़ के मेरा हाथ रे , मोहे वृंदावन पहुँचा दियो








कोई पकड़ के मेरा हाथ रे ,
मोहे वृंदावन पहुँचा दियो
मोहे वृंदावन पहुँचा दियो ||





वृंदावन का कृष्ण कन्हैया. 
बलदाऊ के छोटे भईया
मुझे जाना उनके पास रे ||1||



वृंदावन का एक ग्वाला.
 मन मोहन मेरा मुरली वाला
मेरा जन्म जन्म का साथ रे ||2||





वृंदावन क बांके बिहारी. 
संग मे बैठी श्री राधे प्यारी
मेरी डोरी उनके हाथ रे ||3||





वृंदावन मेरो धाम रंगीली. 
बरसानो मेरो बड़ो हि रसीलो
मेरो जाग उठे है भाग रे ||4||



जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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