आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारीझूले राधा प्यारी, झूले राधा
आई बागों में बहार,
झूला झूले राधा प्यारी
झूले राधा प्यारी,
झूले राधा प्यारी ||
सावन की ऋतु है आई,
घनघोर घटा नभ छाई
ठंडी-ठंडी पड़े फुहार,
झूला झूले राधा प्यारी || 1||
हो मस्त मोर यूँ नाचे,
मोहन की मुरलिया बाजे
कू-कू कोयल करे पुकार,
झूला झूले राधा प्यारी || 2||
सब सज रहीं नार नबेली,
नटखट करते अठखेली
कर के सोलह सिंगार,
झूला झूले राधा प्यारी || 3||
राधा संग में बनवारी,
झूलें हैं सखियाँ सारी
गावेँ गीत मल्हार,
झूला झूले राधा प्यारी || 4||
भए ऐसे मगन कन्हाई,
चलती ठंडी पुरवाई
छम-छम बरसे मूसलधार,
झूला झूले राधा प्यारी || 5||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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