आज सखी मोहे पिया सजायो रीकीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो

आज सखी मोहे पिया सजायो रीकीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो



आज सखी मोहे पिया सजायो री
कीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो री



कंगन धराए मोहे पायलिया पहनाई
आज सखी पिया नथनी सजाई
मांग में भरी मेरो सिन्दूर लगायो री ||1||





लाय दीन्हों लहंगा तीन रंग वारा
अखियन में मेरो पिया काजर डारा
कैसो कहूँ सखी नैना मिलायो री ||2||



चूड़ी पहनाई मोहे महंदी लगाई री
प्रेम रंग वारी चूनर ओढ़ायो री
करत सिंगार पिया दुल्हन बनायो री ||3||



पिया पिया रटत ही बाँवरी भई सखी
देख सुरतिया पिया की आँख न लखी
प्रेम रंग बरसयो सुधि बिसरायो री ||4||


कीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो री
प्रेम से सखी मोहे अंग लगायो री









जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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