
अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना तेरे चरणो में राधेरानी,
थाम लो दामन हमारा,डोलती है मेरी कश्ती पुरानी|
हम बालक है तुम्हारे, भटक जाते है जग की माया में......
तुम हो पालनहारी हमारी बचा लो माया के दलदल से ||1||
तुम करुणामयी हो ,तुम कृपामयी हो वृषभानु की दुलारी
तुम हरिप्रिया हो, तुम हो जग से न्यारी.स्वामिनी हो हमारी ||2||
वैसे तो हम लायक नही है चरणधुरी के भी तुम्हारी
लकिन पुत्र जैसे भी हो माँ लेती है शरण में प्यारी||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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