माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल।कोई कहै छानै, कोई

माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल।कोई कहै छानै, कोई








माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल।


कोई कहै छानै, कोई कहै छुपकै, 
लियो री बजंता ढोल||1||


कोई कहै मुहंघो, कोई कहै सुहंगो, 
लियो री तराजू तोल ||2||


कोई कहै कारो, कोई कहै गोरो, 
लियो री अमोलिक मोल||3||


या ही कूं सब जाणत है, 
लियो री आँखी खोल||4||


मीरा कूं प्रभु दरसण दीज्‍यो, 
पूरब जनम को कोल||5||

जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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