
श्याम रसिया मेरे मन बसिया रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया|
श्याम रसिया मेरे मन बसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया|
भीलनी के बेर सुदामा के तंदुल
तुम बड़े प्रेम से पाओ रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||1||
ब्रज मण्डल गोपिन के घर घर
माखन चुराये के पायो रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||2||
राधा रानी के अधरन धरी
औरहूं सरस बनाओ रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||3||
ऐसे पाओ ऐसे पवाओ
की सब अमृत बन जाये रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||4||
फिर भी जो भी या प्रसाद को पावे
सोई तेरो बन जाये रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||5||
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर
और न् अधिक तरसाओ रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||6||
आओ रसिया आ जाओ रसिया
बिप्र का भोग लगाओ रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||7|
अब और न् अधिक तरसाओ रसिया
मोहि आकर दरश दिखाओ रसिया
रूचि रूचि भोग लगाओ रसिया ||8||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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