`तर्ज़-अपने पिया की मैं तो```*_           

`तर्ज़-अपने पिया की मैं तो```*_           

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तर्ज़-अपने पिया की मैं तो```*_

                        
आवो जी आवो मईया, म्हारै घरयाँ आवो
भगतां रो मान माँ बढ़ावो जी,
मईया म्हारै घरयाँ आवो |
                                 
रँग बिरँगा फूलाँ सै माँ, म्है सिणगार सजायो है
धूप जलाई दीप जलायो, इत्तर सै महकायो है
सिँह पै सवार होकर आवो जी,
मईया म्हारै घरयाँ आवो ||1||
                                
मईया थारै धोक लगावाँ, थारा आशीष पावाँ जी
मनड़ै मँ आशा जागी, थारा दर्शण पावाँ जी
म्हानै भी दरश दिखावो जी,
मईया म्हारै घरयाँ आवो ||2||
                                 
आवो आवो मईया कद सै, बाट निहाराँ हाँ
अरज़ लगावाँ मईया, थानै ही पुकाराँ हाँ
अब ज्यादा देर ना लगावो जी,
मईया म्हारै घरयाँ आवो ||3||
                                
थारै ही भरोसै मईया, जिन्दगी बितावाँ हाँ
*"रवि"* कहवै घर गृहस्थ का, धरम निभावाँ हाँ
म्हानै थे आशीर्वाद दे जावो जी,
मईया म्हारै घरयाँ आवो ||4||
                       



  *रविन्द्र केजरीवाल " रवि " कोलकाता*
           



जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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