तर्ज़-मैं तो भूल चली बाबुल का देश       

तर्ज़-मैं तो भूल चली बाबुल का देश       






तर्ज़-मैं तो भूल चली बाबुल का देश

          
आई आई शरद् पूनम आज, मधुबन में छाई बहार
बाजै बाजै, नगाड़े ढ़ोल आज, मधुबन में छाई बहार
             
ग्वालों को साथ लेके आये कन्हाई
राधा भी सखियों के साथ चली आई
हो, देखो सबके ही थिरक रहे पाँव, मधुबन में छाई बहार ||1||
                
कान्हा की बाँसुरिया गीत मधुर गाये
राधे भी झूम झूम पायल छनकाये
हो, गोपी ग्वाले बजाते हैं साज, मधुबन में छाई बहार ||2||
                
जमुना की लहरों में गूँज रहे गीत है
बँसीबट बृजरज़ भी देते सँगीत है
हो, आज निधिवन में है महारास, मधुबन में छाई बहार ||3||
                 
शरद् पूर्णिमा की ये रात बड़ी प्यारी
कहता 'रवि' झूमै दुनिया है सारी
हो, आज अम्बर से बरसे फुहार, मधुबन में छाई बहार ||4||
               


रविन्द्र केजरीवाल 'रवि' 


जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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