
तर्ज़ - बजरँग बली मेरी नाव चली*
हे श्याम तुम्हारे चरणों में, हमें जीवन का सुख मिलता है
दुःख संकट चाहे जितने हो, फिर भी मन कँवल ये खिलता है
हम जब जब निर्बल पडते हैं, तुम देते हमें सहारा हो
हम जब जब भँवर में फँसते हैं, तुम देते हमें किनारा हो
जब छाता घोर अँधेरा है, तेरी किरपा से वो छँटता है
हे श्याम तुम्हारे चरणों में . . .
हम प्राणी भूल के पुतले हैं, तुम भूल हमारी भुलाते हो
हम जब जब पथ से भटके हैं, तुम सच्ची राह दिखाते हो
जब मन बोझिल हो जाता है, तेरी शरण में बोझ वो घटता है
हे श्याम तुम्हारे चरणों में . . .
इस कलयुग का परभाव अगर, हमरे सर चढ़ कर बोले है
कहता है *"रवि"* तेरी एक नज़र, पड़ते ही हिरदय डोले है
जब मन विकार से भरता है, तेरे क्रोध से हर पल डरता है
हे श्याम तुम्हारे चरणों में . . .
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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