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तर्ज़ - तेरी आँखों के दो फूल प्यारे
मुझसे नज़रें मिलाये मेरा साँवरा
होलै होलै मुस्काये मेरा साँवरा
हो मुझे अपना बनाये, 'साँवरिया'-2 |
कैसा जादू श्याम सँवरिया, देखो रोज़ रोज़ है चलाये
मुझको दिवाना बनाके, परवाना सा मुझको बनाये
डाले टेढ़ी सी नज़र, घायल कर देता जिगर
मुझे देख मुस्काये, "साँवरिया"-2 ||1||
वो ही मालिक हैं मेरे मन के, मैं तो मगन हूँ सेवा पाकर
मुझे ऐसी लागी लगन है , मैं तो सुख पावूं गुण गाकर
मैं तो इनसे प्यार करूँ, इनपे जान निसार करूँ
मेरे मन को लुभाये, "साँवरिया"-2, ||2||
मैं तो खुश किस्मत हूँ कितना, मेरा श्याम बना है साथी
*"रवि"* कहता श्याम प्रभु से, मैं दीपक हूँ वो मेरे बाती
मैं हूँ उसका वो है मेरा, मेरा श्याम चरण में डेरा
मेरे मन को लुभाये, "साँवरिया"-2, ||3||
*रविन्द्र केजरीवाल " रवि " कोलकाता*
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

मुझसे नज़रें मिलाये मेरा साँवरा
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