
कण कण में समाई छवि राम की ,
सुनो सुनो जी महिमा राम नाम की |
राम राम कलयुग अधारा
सुमरि सुमरि नर उतरे पारा
ऐसी शक्ति है करुणा निधान की ||1||
राम नाम भव का है सहारा
भजते ही नर हो जाये पारा
ऐसी कृपा है कृपानिधान की ||2||
राम नाम को जिसने जपा जब
भव सिंधु से पार हुआ वह
ऐसी महानता है भगवान की ||3||
राम भजे से होगा निस्तारा
तू भज ले राम नाम होगा निस्तारा
तू महिमा तो समझ राम नाम की ||4||
जै श्री राधे कृष्ण
🌺
श्री कृष्णायसमर्पणं
0 Comments: