
रे मन कृष्ण नाम कही लीजे |
गुरु के वचन अटल करि मानहि,
साधू समागम कीजे ||1||
पढ़िए गुनिये भगति भागवद,
और कहाँ कथि कीजे ||2||
कृष्ण नाम बिनु जनम बाद ही,
बिरथा काहे जीजे ||3||
कृष्णा नाम रस भयो जात है,
त्रिषावन्त है पीजे ||4||
सूरदास हरी शरण ताकिये,
जनम सफल करि लीजे ||5||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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